हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर। माँ नर्मदा के तट गौरी घाट, उमा घाट, दरोगा घाट सहित सभी स्थानों पर इन दिनों खुले आम अवैध रूप से शराब का क्रय विक्रय हो रहा है। यह आबकारी विभाग और थाना पुलिस की बड़ी नाकामी है।
खुलेआम हो रही शराब बिक्री के वीडियो वायरल होने के बाद कल शाम एक जनप्रतिनिधि जितेंद्र अवस्थी अपने कुछ साथियों के साथ साक्ष्य के रूप में नर्मदा तट पर खुलेआम बिक रही शराब का वीडियो लेकर सहायक आबकारी आयुक्त रविंद्र मानिकपुरी से मिलने पहुंचे। आस्था के केंद्र मां नर्मदा के तट पर शराब की बिक्री आज से नहीं बल्कि लंबे समय से हो रही है। यह बात भी सच है कि ठेकेदारों की आबकारी के लोगों की मिली भगत के कारण ही यह संभव हो पा रहा है। जब भी इसके विरोध में आवाज उठती है तो आबकारी छोटी मोटी कार्रवाई कर देता है। स्थानीय पुलिस भी कम मात्रा में शराब पकड़ती है ताकि छोटा मामला बने।कल जब जितेंद्र अवस्थी ने सहायक आबकारी आयुक्त के सामने यह सारी बातें रखी तो बातों की गहमागहमी में सहायक आयुक्त आबकारी ने शिकायतकर्ता पर ही यह आरोप लगा दिया कि उनके संरक्षण में शराब बिक रही है। ऐसा इसलिए हुआ कि जितेंद्र अवस्थी ने स्पष्ट रूप से आबकारी विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि ठेकेदारों और आबकारी की शह पर ही खुलेआम मां नर्मदा के तट पर शराब बिक रही है। आस्था के केंद्र मां नर्मदा के तट पर अवैध शराब रोकने में अक्षम आबकारी अधिकारी सच्ची बात बताने वाले को ही आरोपी बताकर भडक़ उठे और शिकायतकर्ता पर दबाव बनाने के लिए इस बात की शिकायत थाने में प्रेषित कर दी गई थी कि उन्होंने शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर अभद्रता की है। पहले शिकायत शिकायतकर्ता की ओर से ओमती थाने में जब यह मामला पहुंचा तब शिकायतकर्ता जितेंद्र अवस्थी ने संयुक्त आबकारी आयुक्त रविंद्र मानिकपुरी और उनके स्टाफ द्वारा की गई अभद्रता की शिकायत पहले की। इसकी जानकारी मिलने के बाद संयुक्त आबकारी आयुक्त की ओर से भी शिकायत प्रेषित की गई।हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से नहीं डरताशिकायतकर्ता की ओर से एक वीडियो भी पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस वीडियो में सहायक आयुक्त रविंद्र मानिकपुरी साफ -साफ धमकाते हुए नजर आ रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि वह हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट किसी से नहीं डरते। मां नर्मदा के तट पर अवैध शराब की बिक्री के मामले में जब सहायक आयुक्त आबकारी ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया तो शिकायतकर्ता जितेंद्र अवस्थी ने कहा कि अब मामले को लेकर और वीडियो को लेकर वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।इसके बाद आवेश में आ चुके सहायक आबकारी आयुक्त ने यह धमकी भी दे डाली की वह सुप्रीम कोर्ट से डरते ना हाई कोर्ट से डरते हैं। क्योंकि वे गलत नहीं हैं और शराब नहीं बिकवा रहे हैं।अवैध शराब की बिक्री रोकने में असफल है आबकारी विभाग यह तो चलो आवेश की बातें हो गई जनप्रतिनिधि और आबकारी संयुक्त संचालक के बीच में घटित हुई घटना। लेकिन मुद्दा तो यही है कि प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा मां नर्मदा के 5 किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री पूर्णत: प्रतिबंध की जा चुकी है। इसके बावजूद भी आखिर कैसे कई महीनो से मां नर्मदा के किनारे असामाजिक तत्वों द्वारा खुलेआम शराब बेची जा रही है। यह बात पूर्णत: स्पष्ट है कि आबकारी विभाग इस मामले में पूरी तरीके से विफल साबित हो चुका है और ठेकेदारों के इशारों पर नाच रहा है। रोजाना बड़ी संख्या में के घाटों पर शराब ठेकेदार के द्वारा अवैध रूप से वाहनों से शराब भिजवाई जा रही है और खुलेआम इसकी बिक्री हो रही है। यह सारी बातें आबकारी विभाग और पुलिस विभाग के ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारियों की जानकारी में है उसके बाद भी हिस्सेदारी की बंदरबांट में सबके मुंह बंद है। आखिर प्रशासन की क्या मजबूरी है कि ऐसे अवैध शराब बिक्री को रोकने में असफल और प्रदेश सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले अधिकारियों को सालों से जबलपुर जैसे महत्वपूर्ण जिले में ही पदस्थ करके रखा गया है।
Tags
aajtak
aajtak jabalpur madhyapradesh
Lifestyle
LOOKSNAMRATA MALLA
madhyapradesh
news
newsgroup
Top
TRAIN
जबलपुर
जबलपुर jabalpur MP