मानसिक रोगियों की बढ़ती संख्या, जिम्मेदार कौन ...?, देखिए यह खबर



हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर। लेखिका डॉक्टर प्रभा पहारिया ने अपने लेख के माध्यम से बताया है कि वर्तमान समय में मानसिक रोगियों की संख्या सुरसा की तरह मुंह फैले खड़ी है, पढ़ी-लिखे शिक्षित व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार हो रहे हैं ,जिनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ,निराशा के भाव ,अवसाद ,डिप्रेशन, तनाव ,नकारात्मक विचार आना ,एंजायटी ,उत्तेजना आदि मानसिक रोगियों के लक्षण है जिनका समय पर इलाज हो जाए तो व्यक्ति ठीक हो जाता है ,जरूरत है समय रहते सचेत रहने की।



कुछ लोग तो इलाज करवाने में कतराते हैं मानसिक चिकित्सक के पास जाना मतलब व्यक्ति पागल है इसलिए जा रहा है ऐसी धारणा मन में बनाना  इन्हीं कारणों से समय पर इलाज नहीं मिल पाता है, और मानसिक रोगियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है।


करोना वायरस से भी दुनिया भर में मानसिक रोगियों की संख्या बड़ी है। लॉकडाउन और आइसोलेशन की वजह से कई लोगों के व्यापार व्यवसाय ठप्प हो गए हैं घर के कमाने वाले मुखिया की मृत्यु होने से पूरा घर बर्बाद हो गया है और पारिवारिक चिंता व्यवसाय की समस्या, और गरीबी के कारण, ज्यादा से ज्यादा लोग डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं।


आपकी बीमारी आपकी पहचान नहीं है आपकी केमिस्ट्री आपका चरित्र नहीं है

रिक वारेन


जिम्मेदार कौन ?


मानसिक रोगी की बढ़ती संख्या का जिम्मेदार कौन है? क्या माता-पिता है? क्या आधुनिक समाज है? क्या बहुत बड़ी हुई महत्वाकांक्षाएं हैं ?क्या बड़ी हुई महंगाई है? क्या पारिवारिक विघटन है ?मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं यह सभी जिम्मेदार कारक है, जिनकी वजह से मानसिक रोगी बढ़ रहे हैं ।


अपने संघर्षों को अपनी पहचान मत बनने दो अज्ञात


खान पान और आधुनिक जीवन शैली ने लोगों की जिंदगियां बदल दी है ,लोग आरामदायक जीवन जीना चाहते हैं आर्थिक और कोई अन्य समस्या यदि आड़े आते हैं तो लोग निराश के शिकार हो जाते हैं, शराब, नशे की लत, साइबर बुलिंग रिश्तो का टूटना ,बेघर होने के कारण ,चिंता और डिप्रेशन से असमान व्यवहार व्यक्ति करने लगता है, और मानसिक रोगी हो जाता है, तो उसका यदि समय पर इलाज न किया जाए तो उसके भयंकर और भयावह परिणाम भोगने पड़ते हैं ।


आप स्वयं पूरे ब्रह्मांड में किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह आपके प्यार में स्नेह के पात्र हैं  बुद्ध 





समाधान

1 कोई भी मानसिक रोगी पूरी तरह से ठीक हो सकता है फिर से सामान्य जीवन जी सकता है इसके लिए उन्हें खुद पर और डॉक्टर पर भरोसा करना होगा उन्हें अपना इलाज करने के लिए अस्पताल में आना होगा ।


2जानकारी के अभाव में व्यक्ति झाड़ फूंक और ओझा के चक्कर में फंस जाते हैं इससे उनका इलाज तो नहीं हो पता है और अच्छी खासी रकम भी खर्च हो जाती है।


3डिप्रेशन से बचाना है तो खुश रहें ,इलाज के लिए जागरूक रहे, और सकारात्मक रवैया अपनाए।


खुशी सबसे अंधेरी समय में भी  पाई जा सकती है अगर केवल आपको केवल प्रकाश जालना याद रखें ।

 डॉक्टर प्रभा पहारिया, लेखक, जबलपुर मप्र। 


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