हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर।अपनी ओजस्वी शैली से दुनिया को जीवन जीने की कला सिखाने वाले आचार्य रजनीश के आश्रम में गुरुपूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई, गुरु शिष्य परंपरा का पर्व गुरु पूर्णिमा मनाने दूर- दूर से ओशो के अनुयाई ओशों की साधना स्थली जबलपुर में जमा हुए, जहा शिष्यों ने अल सुबह प्रभात फेरी निकाली और फिर ध्यान में लीन होकर अपने गुरु को याद किया।
इस दौरान ओशो भक्त पेड़ के नीचे बैठकर साथियों के साथ ओशो के दिए हुए संदेशो का अनुसरण करता दिखे, उसके बाद ओशो के शिष्य एक साथ मिलकर गुरु की भक्ति में लीन होकर झूमकर नाचे, गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दिन भर होंने वाले कार्यक्रमों में ओशो का डायनेमिक ध्यान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें हर शिष्य शामिल होकर अपने गुरु से संवाद कायम करने की कोशिश करता है, इसके अलावा गुरु पूर्णिमा पर होने वाली संन्यास दीक्षा का भी आयोजन किया गया, जिसका आयोजन साल में एक बार सिर्फ गुरु पूर्णिमा पर किया जाता है, जिसमें लोग दुनिया का मोह छोड़ संन्यास लेते हैं,ओशो के भक्तो का मानना है की आज भी ओशो उनके साथ हैं, क्योकि गुरु ही अपने शिष्य की पहचान कर उसे अपना बना लेता है और उसमें ज्ञान का दिया जलाता है, इसलिए आज के दिन गुरु का सम्मान किया जाता है और आशीर्वाद देने के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया जाता है, वहीं ओशो के अनुयायी स्वामी निर्दोष ने ओशो रजनीश की सोशल मीडिया से दूरी पर कहा कि जिस तरह से सूरज को किसी की जरूरत नहीं होती है, वैसे ही ओशो को भी आज सोशल मीडिया की जरूरत नहीं है, क्योंकि सच्चा गुरु वही होता है, जो अपने शिष्य को सच से परिचय करवाता है, खुद की पहचान खुद से करवा दे वही गुरु होता है, देखिए हमारा इंडिया न्यूज चैनल से वीरेंद्र शर्मा की यह रिपोर्ट