हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर।जबलपुर विकास प्राधिकरण का कोई धनीधोरी नहीं है, यहां पर अफसरशाही कुछ इस तरह से हावी है कि बड़े से लेकर छोटे अधिकारियों को सिर्फ अपने-अपने कमीशन से मललब है, तभी तो न तो कई नई विकास की ईबारत लिखी जा रही है और न ही शहर को कोई बड़ी सौगात दी जा रही है, जिसकी प्रमुख वजह सिर्फ जनता के विकास के पैसों से अपनी-अपनी जेबों को गरम करना है। ऐसे एक नहीं बल्कि जेडीए के कई मामले हैं, जिसमें जेडीए सीईओ से लेकर अन्य बड़े अधिकारियों की मिलीभगत उजागर होते हुए दिख रही है।
एक प्रेस विज्ञिप्त में आरोप लगाते हुए कांग्रेस के महामंत्री मनोज नामदेव ने बताया कि विकास प्राधिकरण के सीईओ एवं सम्पत्ति प्रबंधक दोनों की मिलीभगत से जेडीए को खोखला किया जा रहा है, आलम यह है कि सीईओ को कभी जमीन पर उतरकर जेडीए की योजना को देखना नहीं है और कार्यालय में बैठकर सिर्फ कुर्सी को तोडऩा है और सांठगांठ से योजना के नाम पर आने वाले कमीशन का लाभ अर्जित करना है। जब जिस विभाग का राजा ऐसा करेगा तब समझिए उसकी प्रजा का क्या हाल होगा।
उपयंत्री को बना दिया सम्पत्ति प्रबंधक
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वहीं आरोप यह भी है कि जेडीए सीईओ की सहमति से अपने चहेते उपयंत्री अमित धुर्वे को सम्पत्ति प्रबंधक बना दिया गया है, इसके अलावा उपयंत्री को प्रभारी भूअर्जन अधिकारी का भी प्रभार दिया गया है, जिसकी वजह से जेडीए के वर्तमान सीईओ कटघरे में आते हुए दिख रहे हैं।
चहेते सर्विस प्रोवाइडर को दिया जाता है काम
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जानकारी के अनुसार जिले में सैकड़ों की संख्या में सर्विस प्रोवाइडर हैं, लेकिन जो भी हितग्राही जेडीए की योजना का आवेदन कर भवन, दुकान, प्लाट आदि का लाभ लेना चाहता है, उनकी रजिस्ट्री का करवाने का काम सिर्फ सर्विस प्रोवाइडर अमित चौपड़ा और अश्वनी चौबे करते हैं, जिसके एक नहीं बल्कि जेडीए की विभिन्न योजनाओं की रजिस्ट्री कराने के कई उदाहरण हैं, जिनकी रजिस्ट्रियों को उक्त दो सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा ही करवाया गया है, जो कहीं न कहीं जेडीए सीईओ की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह अंकित करती है।
लोकायुक्त की कार्यवाही में पकड़ा गया था लिपिक
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गौरतलब है कि पूर्व में जबलपुर विकास प्राधिकरण में पदस्थ लिपिक गोपाल ठाकुर के विरुद्ध लोकायुक्त की कार्यवाही भी हो चुकी है, जिसके बाद भी लिपिक उनकी धर्मपत्नि इंदिरा पाठक भी लिपिक के पद में पदस्थ हैं, जो कि बड़े अधिकारियों की सांठगांठ को उजागर करता है।
एक ही कुर्सी में लम्बें समय से जमें हैं कई अधिकारी
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जेडीए में भ्रष्टाचार की वांनगी कुछ इस तरह से स्पष्ट दिखाई देती है कि एक ही पद पर कई बड़े अधिकारी, लिपिक, उपयंत्री सहित अन्य जमें हुए हैं, जिनकी मलाईदार पोस्ट स्वयं जेडीए कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोलता हुआ दिखाई दे रहा है।
मुख्यमंत्री से की है कार्यवाही की मांग
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शहर की विकास योजना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जेडीए में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का बोलबाला कुछ इस कदर है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को इनके विरुद्ध कार्यवाही के लिए मुखर होना पड़ा है। जिसके तहत कांग्रेस के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, सौरभ नाटी शर्मा, मनोज नामदेव सहित अन्य मुख्यमंत्री के नाम पत्राचार जेडीए में चल रही अफरशाही, भ्रष्टाचार और दलाली के विरुद्ध जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की भी मांग की है।