हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर।52 वें गुप्त शक्तिपीठ मां बड़ी खेरमाई का मंदिर शाक्त परंपरा का एकमात्र अनूठा मंदिर है जहां देवी मां के साथ में श्री काल भैरव व श्री हनुमान विराजे हैं। मान्यता है कि नवरात्र के नौ दिनों पर देवी की पूजा तब तक अधूरी है जब तक आप उनके साथ हमेशा मौजूद रहने वाले भगवान भैरव और हनुमान जी की पूजा न करें. मान्यता है कि नवरात्र के नौ दिनों में अष्टसिद्धि के दाता श्री हनुमान जी की पूजा करने पर साधक के जीवन से जुड़ सभी कष्ट शीघ्र ही दूर होते हैं और शक्ति संंग संकटमोचक का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नवरात्र में अष्टमी या नवमी के दिन कंजक पूजन किया जाता है. इस दिन नौ कन्याओं के पूजन के साथ काल भैरव के बाल स्वरूप की भी पूजा होती है. ऐसी मान्यताओं हैं कि काल भैरव के बिना मां दुर्गा की आराधना और नौ दिनों का उपवास सब अधूरा है. इसलिए नवरात्रि में जो लोग विशेष सिद्धियों के लिए मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उनके लिए भगवान भैरव की पूजा करना भी आवश्यक है. अगर कोई नवरात्रि का उपवास करता है । और वो माता रानी पूजा तो करता है किन्तु भैरव की पूजा नहीँ करता तो उसे व्रत के फल की प्राप्ति नहीं होती ।