हमारा इंडिया न्यूज़(हर पल हर खबर)जबलपुर। जीवनदायिनी मां नर्मदा का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। नर्मदा घाटों के रखरखाव, सफाई, अवशिष्ट प्रबंधन सहित सौंदर्यीकरण के कार्य कराने की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी जाएगी। खासबात ये है कि इसके लिए शासन स्तर पर नगर निगम को विशेष पैकेज भी मिलेगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने नर्मदा के समीप स्थित नगरीय निकायों की जानकारी और नर्मदा तटों में लगने वाले मेलों की जानकारी मांगी है। जबलपुर को नर्मदा का वरदान प्राप्त है। लिहाजा नगर निगम ने नर्मदा तटों में लगने वाले मेलों व अन्य जानकारियां तैयार कर भेजने में जुट गया है।
इन कार्यों के लिए मिलेगा विशेष पैकेज-
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल द्वारा संभागीय कार्यालयों के संयुक्त संचालकों को जारी पत्र में कहा गया है कि नर्मदा के समीप स्थित नगरीय निकायों की जानकारी जल्द उपलब्ध कराएं। नगरीय निकायों को राज्य शासन से विशिष्ट अनुदान प्रदान किया जाना है। उक्त अनुदान से निकायों को तट और घाटों की मरम्मत, अनुरक्षण, समुचित प्रकाश व्यवस्था, मानव व पशु अपशिष्ठ का समुचित प्रबंधन करना है ताकि नर्मदा नदी मे गंदगी न मिले। इसके अलावा हरी पट्टी, वृक्षारोपण व सौंदर्यीकरण के कार्यों को हस्तांरित किया जाएगा। विभाग ने पत्र में ये जानकारी भी चाही है कि नर्मदा तट में कौन-कौन से मेले आयोजित किए जाते हैं।
नर्मदा के इन घाटों की जानकारी भेज रहा नगर निगम
नगरीय प्रशासन से आए पत्र के आधार पर नगर निगम ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, लम्हेघाट, कालीघाट और इन घाटों में मकर संक्रांति, नर्मदा प्रकटोत्सव सहित अन्य विशेष अवसर पर लगने वाले मेलों की जानकारी भेज रहा है। दावा किया जा रहा है जानकारी तैयार कर ली गई है। जल्द ही संभागीय संयुक्त संचालक के माध्यम से जानकारी भिजवा दी जाएगी।
महापौर भी नर्मदा शुद्धिकरण में जुटे
नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के प्रयास पिछले 10 वर्षो से किए जा रहे हैं। लेकिन अभी तक नर्मदा में मिलने वाले गंदे नालों को नहीं रोका जा सका है। दरोगाघाट में गंदे नालों के पानी को साफ करने 50 एमएलडी का एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ही लगाया गया है वो भी काम नहीं कर रहा है। अब महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने भी नर्मदा शुद्धिकरण का बीड़ा उठाया है। नर्मदा में मिलने वाले गंदे नालों की रोकथाम के लिए नाले, नलियों को चिंहित कर वहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। महापौर के मुताबिक आगामी दो वर्षों में नर्मदा में गंदे पानी की एक बूंद नहीं मिलेगी।
नर्मदा में मिल रहे गंदे नाले, उखड़ रही घाटों की टाइल्स
- बहरहाल मौजूदा दौर में नर्मदा नदी में छह बड़े और मझौले नाले मिल रहे हैं। इसमें शाहनाला और खंदारी नाले सहित नर्मदा तटों के आस-पास बसी बस्तियों से निकलने वाला सीवेज का हजारों लीटर पानी बिना ट्रीटमेंट के नर्मदा में मिल रहा है।
- नर्मदा में ग्वारीघाट से लेकर तिलवारा तक छह बड़े नालों सहित छोटे नाले-नलियों का गंदा पानी मिल रहा है। इसमें शाहनाला खंदारी नाला सहित गौर-परियट की सैकड़ों डेयरियों की गंदगी गौर नदी से होते हुए नर्मदा में मिल रही है।
- ग्वारीघाट में दरोगाघाट, सिद्धघाट, खारीघाट, कालीघाट में टाइल्स व सीमेंटीकरण उखड़ने लगा है। तिलवाराघाट में भी कमोवश यही हालात है।
- नगर निगम ने नर्मदा तटों में अलग से सफाई कर्मचारियों की तैनाती की है पर सफाई व्यवस्था अपेक्षाकृत नहीं हो रही है। कुछ घाट अब भी गंदे नजर आ रहे हैं।
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नगरीय प्रशासन विभाग ने नर्मदा के समीप स्थित निकायों व नर्मदा घाटों में लगने वाले मेलों की आदि जानकारी चाही है। ताकि नर्मदा के सौंदर्यीकरण कार्य सहित अन्य कार्य के लिए निकायों को विशिष्ट अनुदान दिया जा सके। जबलपुर में नर्मदा तटों से जुड़ी तैयार करवा कर प्रेषित की जा रही है।-परमेश जलोटे, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन विभाग