आयुष्मान योजना के नाम पर सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में हुए करोड़ों रुपये के हेरफेर में पूर्व सीएमएचओ डा.रत्नेश कुररिया से भी पूछताछ होगी। अस्पताल पर योजना में शासन को करोड़ों रुपये वसूले हैं। एसआइटी अब डा. कुररिया से पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि आखिरकार सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में कब-कब और कितनी बार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच की। इस दौरान वह जांच रिपोर्ट भी मांगी जा सकती है। अस्पताल की संचालक डा. दुहिता पाठक और उसका पति डा. अश्वनी पाठक फिलहाल जेल में है।
मिलीभगत से किया खेल
एसआइटी के मुताबिक अस्पताल संचालक द्वारा स्वास्थ्य विभाग और आयुष्मान योजना के अधिकारियों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा किया। अब तक की जांच में कई ऐसी बातें भी उजागर हो गई हैं, जो सीधे यह स्पष्ट कर रही हैं कि इस फर्जीवाड़े में स्वास्थ्य विभाग और आयुष्मान योजना के अधिकारियों की भी मिलीभगत के तथ्य सामने आए है। इस संबंध में एसआइटी द्वारा सीएमएचओ डा. संजय मिश्रा को एक पत्र लिखा जा रहा है। हालांकि फिलहाल डा. मिश्रा ने कहा कि उनके पास अभी तक एसआइटी की तरफ से कोई पत्र नहीं मिला है। बता दें कि एसआइटी द्वारा आयुष्मान योजना के शुरू होने से लेकर सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में छापामार कार्रवाई तक कितनी बार किस-किस टीम द्वारा जांच की गई और टीम की जांच रिपोर्ट में क्या आया था, यह दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। पत्र के माध्यम से यह भी पूछा जाएगा कि आखिरकार इसके पूर्व इस फर्जीवाड़े का खुलासा क्यों नहीं हुआ।