हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) लेख। प्रति वर्ष १५ सितम्बर को भारत रत्न सर मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैया का जन्म दिन इंजीनियर्स डे के रूप में मनाया जाता है .उन्हें नये भारत का विश्वकर्मा कहा जाता है . जब वर्ष १८८३ में विश्वेश्वरैया जी ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की तब अंगुलियों पर गिने जाने वाले इंजीनियर्स थे ,औद्योगिकीकरण का प्रारंभ हो रहा था . बांध ,नहरें , रेल लाइन , सड़कें , जल प्रदाय , भवन , विद्युतीकरण आदि अनंत विकास कार्य किये जाने थे . अपनी प्रतिभा और अथक मेहनत से विश्वेश्वरैया जी ने अपनी समर्पित कार्यकारी छबि बनाई और देश को जाने कितने ही सफल प्रोजेक्टस दिये . पंडित नेहरू ने कल कारखानो को नये भारत के तीर्थ कहा था , इन्ही तीर्थौ के पुजारी , निर्माता इंजीनियर्स को आज अभियंता दिवस पर बधाई .
आज दुनियां में भी भारतीय इंजीनियर्स ने अपनी विद्वता और मेहनत से यही छबि बनाने में सफलता पा ली है . भारत के आई आई टी जैसे संस्थानो के इंजीनियर्स ने विश्व में अपनी कार्य प्रणाली से भारतीय बुद्धि की श्रेष्ठता का समीकरण अपने पक्ष में कर दिखाया है .
नोएडा के ट्विन टावर्स का ध्वस्त किया जाना ...
जहाँ भ्रष्टाचार और घोलमाल से , राजनैतिक शह पर नोयडा में सुपरटेक के गगन छूते ट्विन टावर्स तान दिये गये थे वहीं न्यायालय के आदेश पर कुछ सेकेंड में सघन आबादी में बिना और कहीं नुकसान के इन ट्विन टावर्स को धूल धूसरित करने के इंजीनियरिंग के स्मार्ट करिश्में भी हैं . जिस पर गर्व किया जाना चाहिये . 28 अगस्त 2022 को दोपहर 2 बजे का समय निर्धारित किया गया , एडिफिस कंपनी को इन टावर्स को गिराने का जिम्मा दिया गया था . टावर सोक ट्यूब सिस्टम के तहत ध्वस्त किए गये . इस तकनीक में मलबा पानी के झरने की तरह सीधे नीचे गिरता है. टावर को गिराने के लिए सेकेंड दर सेकेंड अलग अलग हिस्सों में नियंत्रित विस्फोट किए गये टावर गिरने की शुरुआत बेसमेंट से की गई . फिर एक-एक कर स्लैब ढ़हा दिये गये . दोनों टावर का पहला फ्लोर पहले सेकेंड और अंतिम फ्लोर सातवें सेकेंड में ध्वस्त हो गया . एमरॉल्ड कोर्ट में बने 97 मीटर ऊंचे 29 मंजिला सियान टावर में पहले धमाका किया गया . कुछ पल बाद 103 मीटर ऊंचा ,32 मंजिला एपेक्स टावर धराशायी किया गया . ध्वस्त किये गये टावर्स से केवल नौ मीटर की दूरी पर स्थित सोसायटी में लोग रह रहे हैं यह महत्वपूर्ण बात है . इस सदी ने प्रारंभ में ही आतंकी गतिविधि में न्यूयार्क के ट्विन टावर्स से हवाई जहाजों को टकराते और उन्हें हजारों लोगों की मृत्यु के दुखद हादसे के रूप में देखा था . उस दुखद घटना के बाद सारी दुनियां ने नोएडा के ट्विन टावर्स को कंट्रोल्ड स्मार्ट इंजीनियरिंग के साथ पल भर में गिराये जाते देखा .
ओंकारेश्वर बांध के जलाशय पर दुनियां का सबसे बड़ा तैरता सोलर बिजली घर ...
मध्य प्रदेश में दुनिया में सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट नर्मदा नदी पर स्थित ओंकारेश्वर बांध में बनाया जा रहा है . परियोजना के अनुसार ओंकारेश्वर बांध पर तैरते हुये सोलर पैनल लगाए जाने हैं . दुनिया में अब तक केवल 10 इस तरह के फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं. ओंकारेश्वर में निर्माणाधीन यह प्लांट दुनिया का सबसे बड़ा , तैरता सोलर प्लांट होगा, क्योंकि पूर्ण हो जाने पर इसकी क्षमता 600 मेगावाट होगी . इस परियोजना का निर्माण दो चरणों में पूरा किया जायेगा . पहले चरण में 278 मेगावाट की परियोजना पर काम शुरू हो चुका है . अब तक, सौर परियोजनाएं आम तौर पर भूमि पर विकसित की जाती थीं जिससे ढ़ेर सारी जमीन बेकार हो जाती थी . बांध के वाष्पीकृत होते पानी की भी बचत इन पैनल्स के लग जाने से होगी . इस सोलर पार्क परियोजना की स्थापना से प्रति वर्ष 1200 मिलियन यूनिट सौर ऊर्जा बिजली के रूप में प्राप्त होगी . बिना आबादी के विस्थापन हुये , बांध में फैले जल संग्रहण पर तैरती परियोजना स्मार्ट इंजीनियरिंग का नमूना है .
आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस के वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में स्मार्ट इंजीनियरिंग लगातार विकसित हो रही प्रणालियों, उत्पादों और अनुप्रयोगों के लिए अपरिहार्य होती जा रही है . इंजीनियरिंग हार्डवेयर सिस्टम और सॉफ्टवेयर का अधिकाधिक समन्वित प्रयोग हितधारकों, विकास, परिनियोजन, निर्माण और संचालन में विभिन्न भूमिकाओं के साथ विस्तार प्राप्त कर रहा है. समय की मांग है कि इंजीनियरिंग के एनालिटिकल समाधान, सामाजिक उद्देश्य के साथ साथ व्यापार, और विकास में तालमेल बनाये रखा जाये . डेटा निर्भर ए आई सिस्टम के सिमुलेशन और सॉफ्टवेयर , इंजीनियरिंग लागत को तथा परियोजना निर्माण के प्रभावी समय को कम करने वाले विकल्प प्रदान करते हैं . वर्तमान में प्रत्येक परियोजना के स्मार्ट इंजीनियरिंग समाधानों की आवश्यकता है एवं इस क्षेत्र में विकास के अभूतपूर्व नये नये अवसर तथा संभावनायें हैं ।
स्मार्ट इंजीनियरिंग के हाल के कुछ उदाहरण
विवेक रंजन श्रीवास्तव
फेलो आफ इंस्टीट्यूशन अफ इंजनियर्स
ए २३३ , ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी , भोपाल , म.प्र. , ४६२०२३