जबलपुर। देश की भव्यतम रामलीलाओं में शुमार श्री गोविंदगंज रामलीला समिति के मंचन का श्रीगणेश सोमवार 19 सितंबर से हो रहा है। रामलीला समिति का ये गरिमामय 158 वां वर्ष है। दो वर्ष कोरोना काल के मंचन विश्राम के बाद रामलीला समति इस वर्ष की लीला को और भी भव्य, दिव्य तथा नयनाभिराम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। रामलीला को जनसामान्य से जोड़ने और प्रभु चरित्र को जन-जन के हृदय में बसाने समिति के सदस्य प्राणप्रण से लगे हुए हैं।
दर्शकों को मिलेगा बहुत कुछ-
समिति के अध्यक्ष पं. अनिल तिवारी ने रामलीला के संदर्भ में आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया कि इस बार दर्शकों को बहुत कुछ अतिरिक्त देखने को मिलेगा। पारंपरिक लीलाओं के साथ हर दिन की लीला में कुछ न कुछ अलग विशेषता रखी गई है। मंच पर पुष्पवाटिका-अशोक वाटिका, आकर्षक रावण दरबार, वाणासुर द्वारा शिवपूजन, अट्टहास करती डरावनी ताड़का-शूर्पणखा, मेघनाद के तीरों द्वारा अग्निवर्षा आदि की विशेष प्रस्तुति की जाएगी। समिति अपने चारों जुलूसों को और भव्य बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है।
और ऊंचा फोल्डिंग मंच
श्री तिवारी ने बताया कि समिति ने इस बार करीब एक हजार वर्गफिट का और ऊंचा अत्याधुनिक फोल्डिंग नवीन मंच तैयार किया है। पहले मंच की उऊंचाई कम थी, जिसके कारण पीछे बैठने वाले श्रद्धालुओं को लीला के दर्शन अच्छे से नहीं हो पाते थे। इस बार रामलीला का मंच और चांदनी थोड़ा और उऊंची बनाई जा रही है, ताकि दर्शकों को भगवान की लीला के दर्शन में कठिनाई न हो। इसके साथ ही दर्शकों की सुविधा के लिए बैठक व्यवस्था को और अनुकूल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों के मुताबिक यह मंच मध्य भारत का सबसे बड़ा मंच होगा, जिसमें भगवान श्रीराम की लीलाओं का सजीव मंचन किया जाएगा।
दो माह से हो रही तैयारी-
अध्यक्ष पं.अनिल तिवारी ने बताया कि इस बार रामलीला समिति प्रभु की लीला का पारंपरिक स्वरुप बरकरार रखते हुए लीला में आधुनिकता का समावेश किया गया है। मंचन में आधुनिक साउंड, लाइट, अत्याधुनिक मेकअप, ड्रेसिंग, शस्त्र प्रदर्शन, पात्रों की एंट्री पर जोर दिया गया है। पिछले दो माह से सभी सदस्य रामलीला मंचन की तैयारी कर रहे हैं। इस 21 दिवसीय महायज्ञ का शुभारंभ 19 सितंबर को पूरे विधि विधान के साथ होगा और रविवार 9 अक्टूबर को भंडारे के साथ महायज्ञ का विश्राम होगा।
ये रहे उपस्थित-
पत्रकारवार्ता में अध्यक्ष पं अनिल तिवारी, व्यास पं वासुदेव शास्त्री, सहव्यास मोहन चौबे, संजीव तिवारी, संरक्षक रवि गुप्ता, राकेश पाठक, विजय सरावगी, रवीन्द्र मघरिया, रब्बी महाराज, नौगरिया जी, राकेश पाठक ‘गायक’, अरुण दुबे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमल किशोर तिवारी, महामंत्री मनीष पाठक, कोषाध्यक्ष मंगू गोयल, महेश गुललहा, दीपक अग्रवाल, किशन अग्रवाली, गुड्डा रैकवार, चप्पू गुप्ता, सहित अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।