बता दें कि 2019 में कमलनाथ की तत्कालीन मध्य प्रदेश सरकार ने प्रोबेशन पीरियड को बढ़ाया था. जिसके अनुसार पहले वर्ष में, कर्मचारियों को 70 प्रतिशत (मिनिमम पेस्केल का) वजीफा मिलेगा, जो दूसरे वर्ष में 80 प्रतिशत और तीसरे वर्ष में 90 प्रतिशत हो जाएगा और कर्मचारियों को उनकी सर्विस के चौथे वर्ष से पूरा वेतन मिलेगा.
क्या होता है प्रोबेशन पीरियड ?
प्रोबेशन पीरियड एक पीरियड होता है. जिसके बाद ही किसी कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी मिलती है. मान लीजिए किसी कर्मचारी का प्रोबेशन पीरियड 2 साल का है तो जैसे ही उसकी जॉब लगेगी यानी उसकी नियुक्ति हो जाएगी तो पहले महीने से ही उसके अकाउंट में सैलरी आनी तो शुरू हो जाएगी, लेकिन उसकी पूरी सैलरी उसको तब मिलेगी, जब उसका प्रोबेशन पीरियड पूरा हो जाएगा. मतलब नौकरी करने वाले व्यक्ति को 2 साल बाद उसकी फुल सैलरी सरकार द्वारा दी जाएगी. आसान भाषा में समझाएं तो मान लीजिए किसी कर्मचारी की सैलरी 40 हजार रुपये है और उसका प्रोबेशन पीरियड 4 साल का तो पहले साल में उसको 28 हजार रुपये सैलरी, दूसरे साल में 32 हजार रुपये सैलरी, तीसरे साल में 36 हजार रुपये सैलरी और चौथे साल में उसको 40 हजार रुपये सैलरी मिलेगी.