भेड़ाघाट में पर्यटन और शिल्पकला की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने शिल्पकारों की समिति बनायें
कलेक्टर ने सहकारिता की जिला स्तरीय कोर कमेटी की बैठक में दिये निर्देश
सहकारिता से समग्र विकास के बहुआयामी मॉडल को अपनायें
जबलपुर। सहकारिता के विकास व विस्तार के लिए तथा विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान के लिए कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सहकारिता के विकास के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण उद्योग सहकारी समिति गठन करने, कृषि प्रसंस्करण के क्षेत्र में नवीन सहकारी समितियों के निर्माण में प्रोत्साहन देने, ग्रामीण परिवहन, खनिज, पर्यटन, श्रम, सर्विस सेक्टर, स्वास्थ्य, सूचना प्रोद्योगिकी, उद्योग, सेवा क्षेत्र आदि नये क्षेत्रों में सहकारिता को प्रोत्साहन देने की योजना पर चर्चा कर संबंधित क्षेत्र में सहकारी समितियां बनाने पर चर्चा की गई। इसके लिए जिला स्तरीय कोर कमेटी की बैठक प्रत्येक माह करने को कहा गया। इस समिति में विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों को शामिल करने के निर्देश दिये गये। कलेक्टर ने भेड़ाघाट में पर्यटन व शिल्प कला को दृष्टिगत रखते हुए शिल्पकारों की समिति बनाने को कहा। वहीं औषधीय पौधे, सिंघाड़ा, पान, मटर, दुग्ध उत्पादन व फिल्म निर्माण आदि समितियों के गठन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जबलपुर मिल्क फेडरेशन बनाकर दुग्ध उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए नये मिल्क रूट तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को बैंक से आवश्यक सहयोग मिले तथा सहकारिता के क्षेत्र में काम करने के इच्छुक लोगों को एक मंच पर लाने का प्रयास करें। सिंघाड़े उत्पादन के संबंध में सहकारिता के लिए नवाचार हो सकता है अत: इस दिशा में काम करें। जबलपुर में निर्मित सलवार सूट की मांग देशभर में है अत: महिला उद्यमी को बढ़ावा देने के लिए यह सफलता का नया आयाम हो सकता है। श्रमिकों को रोजगार की उपलब्धता तथा प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को श्रमिकों की उपलब्धता के लिए भी श्रम ठेका निर्माण समितियों का गठन किया जा सकता है। इस प्रकार विभिन्न सेक्टरों का चयनकर उन्हें सहकारिता से जोड़कर आजीविका को और सशक्त करने पर चर्चा की गई, तथा इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गये। बैठक में सहकारिता, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, ग्रामीण आजीविका के साथ अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।