हमारा इंडिया न्यूज हर पल हर खबर मध्यप्रदेश/जबलपुर।आज हमारा इंडिया न्यूज टीम आपको अति भारी बारिश के चलते देवी मां नर्मदा जी के संक्षिप्त परिचय से अवगत कराते हुए आपको मां नर्मदा नदीं के विहंगम रूप के दर्शन कराने जा रहे हैं, जैसा कि आपको मालूम होगा कि नर्मदा नदी को मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है, पर्वतराज मैखल की पुत्री नर्मदा को रेवा के नाम से भी जाना जाता है, नर्मदा भारतीय प्रायद्वीप की सबसे प्रमुख और भारत की पांचवी बड़ी नदी मानी जाती है, विंध्य की पहाडिय़ों में बसा अमरकंटक एक वन प्रदेश है, अमरकंटक को ही नर्मदा का उद्गम स्थल माना गया है, यह समुद्र तल से 3 हजार 500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है, भारत में चार नदियों को चार वेदों के रूप में माना गया है, जिसमें गंगा को ऋग्वेद, यमुना को यजुर्वेद, सरस्वती को अथर्ववेद और नर्मदा को सामदेव, सामदेव कलाओं का प्रतीक है, नर्मदा ने भी लोक कलाओं और शिल्प कलाओं को पाला पोसा है, नर्मदा अपने उद्गम स्थल अमरकंटक से निकलकर लगभग 8 किलोमीटर दूरी पर दुग्धधारा जलप्रपात तथा 10 किलोमीटर की दूरी पर कपिलधारा जलप्रपात बनाती हैं, संगमरमर की खूबसूरत संकरी घाटियों से बलखाती नर्मदा नदीं भेड़ाघाट, नरसिंहपुर, होशंगाबाद की धरती को अभिस्पर्श करती खंडवा से गुजरते हुए महेश्वर के पास 8 किलोमीटर का सहस्त्रधारा जलप्रपात बनाती है, रास्ते में नर्मदा नदी मंधार तथा दरदी नामक प्रपातों को भी आकर्षक रूप देती चलती हैं, तत्पश्चात् महाराष्ट्र से होती हुई, भडूच शहर की पश्चिमी दिशा में खम्भात की खाड़ी में गिरकर अरब सागर में विलीन हो जाती है, रास्ते में नर्मदा नदी मंधार तथा दरदी नामक प्रपातों को भी आकर्षक रूप देती चलती हैं, पुण्यदायिनी मां नर्मदा का श्रद्धा.भक्ति और सच्चे मन से दर्शन, पूजन.अर्चन मात्र से ही मनुष्य को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, आज लगातार भारी बारिश के कारण देवी मां नर्मदा अपने रौद्र रूप में है, जिनका विहंगम दृश्य इन दिनों देखने को मिल रहा है, मां देवी नर्मदा अति भारी बारिश के कारण अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है, जिससे नर्मदा नदी के समीप स्थित तमाम घाट, मंदिर, दुकानें व आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं, इतना ही नहीं देवी मां नर्मदा का विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट धुआंधार भी अति बारिश के चलते गुम हो गया है, देखिए वीडियो जर्नलिस्ट रविंद्र विश्वकर्मा छोटू की यह रिपोर्ट
यह है नर्मदा नदी का विहंगम दृश्य