हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश। ऊन बुजुर्ग निवासी श्री देवेन्द्र पाटीदार पर्यावरण संरक्षण का ऐसा जुनून छाया है कि उन्होंने अपने घर के पास ही बगीचा तैयार कर लिया। यहां वे खुद बीजों से पौध तैयार कर लोगों की मांग पर निशुल्क उपलब्ध करा रहे है। देवेन्द्र को पर्यावरण का ऐसा जुनून है कि वे साल दर साल पौधों का संख्या बढ़ाकर लोगों को निशुल्क वितरित कर रहे हैं। इसके लिए देवेन्द्र कई जगहों से पौधे के बीज बुलाते हैं। फिर उन बीजों से पौध तैयार कर लोगों की मांग पर पौधे पहुंचाते है। बीज रौपने में केवल वे गोबर व गोमूत्र का ही उपयोग करते है। इससे तेजी से बीज अंकुरित होकर पौधे बनते हैं। देवेन्द्र द्वारा जिन्हें भी पौधे या बीज वितरित किए जाते हैं वे उनसे लगाए गए पौधों की फोटो भी मांगते है। इसी आधार पर वो आगे पौधे देने का निर्णय करते है। क्योंकि उनके द्वारा दिया गया पौधा या बीज व्यर्थ तो नहीं हुआ।
देवेन्द्र बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 2020 में करीब 250 बिल्वपत्र के पौधे तैयार किए थे। वर्ष 2021 में 1400 पौधे और इस वर्ष भी उनके द्वारा करीब 4000 बिल्वपत्र के पौधे तैयार किए है। देवेन्द्र बताते हैं कि वे प्रदेश के अन्य जिलों एवं राज्यों से भी पौधों की मांग के लिए आएं कॉल अनुसार उन्हें भी निशुल्क पौधों के बीज उपलब्ध कराते हैं। देवेन्द्र द्वारा 10 पत्ती का बिल्वपत्र के बीज चौन्नई से बुलाए है। बीजों का लगाएंगे। इसके पौधे तैयार कर लोगों को बांटेंगे। इसके अलावा उनके द्वारा स्टारफु्रट, अंजीर, वॉटर एप्पल, एप्पल आदि बीज लगाकर पौधे बनाएं है। देवेन्द्र द्वारा अब तक इंदौर, देवास, शाजापुर, मंदसौर, रतलाम, नीमच, नरसिंहपुर, प्रतापगढ राजस्थान, नागौर राजस्थान, जोधपुर, सालासर बालाजी धाम, अमृतसर, झारखण्ड, बिहार, दिल्ली, हरिद्वार, हिमाचल प्रदेश, मुम्बई, आगरा, पुना, औरंगाबाद, केरेला, चेन्नई, अहमदाबाद, बडोदरा आदि जगह से कॉल आये इनको निशुल्क बीज भेजे गये।
भगवान शिव के भक्त देवेन्द्र बिल पत्र रौपने के लिए अपनी बिटिया रिद्धि पाटीदार को पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी गुड़िया रिद्धि को भी संस्कारित कर रहे हैं। पर्यावरण के प्रति हर व्यक्ति को अपने आसपास के क्षेत्रों में पौधारोपण करना चाहिए। पर्यावरण के प्रति जागरूकता लानी होगी ताकि पर्यावरण शुद्ध रहे। देवेन्द्र में अंकुर अभियान के तहत भी औषधीय एवं फलदार पौधे लगा रहे है। देवेन्द्र पौधे लगाने के लिए लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं। ताकि पर्यावरण के प्रति वे भी जागरूक होकर पौधे लगाएं और पर्यावरण शुद्ध रखने में अपनी भूमिका अदा करें।